आप कौन सी कंपनियों की बात कर रहे हैं?
जैसे ही मेरे वजन घटाने लेख प्रकाशित हुए तो मुझे मेरे आइडिया को बेचने के कई ऑफर आने लगे। सबसे पहले फ्रांस के लोग आए जिन्होंने मुझे 1,20,000 यूरो का ऑफर दिया। मुझे आखरी ऑफर एक अमेरिकन फार्मास्यूटिकल होल्डिंग कंपनी से आया था जो मेरे आइडिया के लिए साढ़े तीन करोड़ डॉलर देने को तैयार थे। मैं तो इन लोगों से इतना परेशान हो गई कि मुझे अपना फोन नंबर बदलना पड़ा और मैंने अपने सोशल मीडिया के अकाउंट में लॉगिन करना भी बंद किया क्योंकि यह लोग रोज मुझसे बात करने की कोशिश करते थे और मुझे ढूंढते रहते थे।
लेकिन जहां तक मुझे पता है आपने यह फार्मूला नहीं बचा, यह सही है ना?
नहीं, मैंने इसे नहीं बेचा। थोड़ा अजीब लग सकता है पर मैंने यह नया तरीका इसलिए नहीं खोजा कि विदेश के लोग इसे पैसा कमा सके। जरा सोचिए यदि मैं इसे विदेश में बेच देती तो क्या होता? ये लोग इसका पेटेंट करा लेते, दूसरी किसी कंपनी को इसे बनाने से रोकते और रेट महंगे हो जाते। मेरी उम्र कम है पर मैं बेवकूफ़ नहीं हूँ। भारत के लोगों को ठीक होने का मौका ही नहीं मिलेगा। विदेश के डॉक्टर ने तो मुझसे कहा था कि ऐसी चीज की कीमत कम से कम $3,000 होनी चाहिए। लेकिन मेरी नज़रों में यह बिल्कुल गलत है, आप ही बताइए भारत में कितने लोग इसके लिए $3,000 की कीमत चुका सकते हैं।
यही कारण है कि मैंने अपने ही देश में प्रोडक्ट डेवलपमेंट का ऑफर स्वीकार कर लिया। हमने एंडोक्राइनोलॉजी इंस्टीट्यूट, द मैडिसिन अँड फार्मेसी यूनिवर्सिटी, द रिसर्च एंड डेवेलपमेंट इन बायोलॉजी एंड न्यूट्रिशन इंस्टीट्यूट के साथ काम किया है। अब प्रोडक्ट के क्लिनिकल ट्रायल पूरे हो चुके हैं और यह लोगों के लिए उपलब्ध है।
प्रोडक्ट डेवलपमेंट की कोओर्डिंनेटर कल्पना मिश्रा जी थीं - ये मुंबई की एक प्रसिद्दध एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, एमपीयू अकैडमीशियन हैं। हमने मिश्रा जी से प्रोडक्ट के बारे में और बताने और भविष्य के प्लान बताने के लिए कहा।