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असलियत को कल्पना से अलग करना सीखिए और फिर मधुमेह का इलाज कीजिए!

जीवन घटाने वाली भारतीय डायबिटीज के बारे में गलत धारणाएँ

डॉक्टर प्रेम स्वामी

डॉ प्रेम स्वामी - भारतीय एंडोक्रिनोलॉजिस्ट। आज उन्हें देश में डायबिटीज का इलाज़ के लिए सबसे बेहतरीन विशेषज्ञ माना जाता है। डायबिटीज से पीड़ित सभी मशहूर लोग उनसे सलाह लेने के लिए समय लेने का प्रयास करते हैं। उनके पास अमरीका, चीन, फ्रांस, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन और अन्य देशों के मरीज भी आते हैं। वह देश के सबसे महत्वपूर्ण एंडोक्रिनोलॉजिस्ट में से एक हैं। उन्होंने 32 वैज्ञानिक पुस्तकें लिखीं हैं, और पत्रिकाओं में 3 गुना अधिक उनके वैज्ञानिक प्रकाशन हैं।
डॉ. प्रेम स्वामी बहुत कम ही कभी इंटरव्यू देते हैं, लेकिन हमारे संवाददाता के सवालों का जवाब देने के लिए वह राजी हो गए। नीचे आपको डायबिटीज से लड़ाई में मदद के लिए महत्वपूर्ण सुझाव मिलेंगे।

डॉक्टर प्रेम स्वामी पूरी तरह से इस बात की पुष्टि करते हैं कि अधिकतर मामलों में टाइप–2 डायबिटीज का इलाज़ आधुनिक जानकारियों से किया जा सकता है!

चर्चा में शामिल विषय:
  • डायबिटीज के इलाज़ के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्या है?
  • 95% मरीज़ अपनी स्थिति से निपटने में असफल क्यों रहते हैं?
  • डायबिटीज के पूर्ण इलाज़ का मौका कब होता है?
  • इस बीमारी से लड़ाई के आधुनिक उपाय क्या हैं?
भारत में दवाइयों के मामले में भारी गड़बड़ी! कैसे हमारे लालची दवा विक्रेताओं ने बिना ऑपरेशन सेहत में सुधार करने वाली यूरोप में सबसे अधिक बिकने वाली दवा छिपा दी।
आयुर्वेद, जो प्रकृति और शरीर के बीच संतुलन पर आधारित है, डायबिटीज के इलाज में बहुत प्रभावी साबित हुआ है। आयुर्वेदिक दवाएं न केवल रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करती हैं, बल्कि शरीर के समग्र स्वास्थ्य को भी सुधारती हैं। यहाँ कुछ आयुर्वेदिक उपचार और जड़ी-बूटियाँ हैं जो डायबिटीज के प्रबंधन में मदद करती हैं|

जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे (Gymnema sylvestre):
जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे के बीज रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। यह इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है और ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करता है।

एम्ब्लिका ऑफिसिनैलिस (Emblica officinalis):
एम्ब्लिका ऑफिसिनैलिस एक प्राकृतिक इम्यूनोमॉड्यूलेटर है जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को सुधारता है और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है।
करकुमा लोंगा (Curcuma longa):
करकुमा लोंगा तनाव को कम करता है और शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है।

एनिकोस्टेम्मा लिटोरेल ब्लूम (Enicostemma littorale blume):
एनिकोस्टेम्मा लिटोरेल ब्लूम, जो आंवला, हरड़ और बहेड़ा का मिश्रण है, शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और मेटाबॉलिज्म को सुधारता है।

सिज़ीगियम क्यूमिनी (Syzygium cumini):
सिज़ीगियम क्यूमिनी की लकड़ी से बना पानी पीने से रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित होता है।
आयुर्वेदिक दवाएं डायबिटीज को कैसे ठीक करती हैं?
टेरोकार्पस मार्सुपियम (Pterocarpus marsupium):
टेरोकार्पस मार्सुपियम की पत्तियां और छाल रक्त शर्करा को कम करने में सहायक होती हैं। यह इंसुलिन उत्पादन को भी बढ़ावा देता है।

एगल मार्मेलोस (Aegle marmelos):
एगल मार्मेलोस के बीज और फल दोनों ही डायबिटीज के लिए फायदेमंद हैं। यह अग्न्याशय (पैंक्रियास) को सक्रिय कर इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाता है।

टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया (Tinospora cordifolia):
टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया एक प्राकृतिक इंसुलिन की तरह काम करता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में बहुत प्रभावी है।
Diofin डायबिटीज के मरीजों को प्राकृतिक रूप से कैसे ठीक करता है?

मेटफॉर्मिन जैसी दवाएं डायबिटीज के इलाज में कई दुष्प्रभाव पैदा करती हैं, जैसे पेट की समस्याएं, उच्च रक्तचाप, जिगर का सिरोसिस, गुर्दे की पथरी, कैंसर का खतरा, और अंधापन। ये समस्याएं दवाओं की मात्रा और उपयोग की अवधि पर निर्भर करती हैं, लेकिन इनसे पूरी तरह बच पाना मुश्किल होता है।

इसके विपरीत, Diofin प्लस एक आयुर्वेदिक दवा है जो डायबिटीज के मरीजों को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद करती है। यह दवा पूरी तरह से प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से बनी है और शरीर को कोई नुकसान पहुंचाए बिना डायबिटीज को नियंत्रित करती है। यहाँ बताया गया है कि Diofin कैसे काम करता है:

रक्त शर्करा को नियंत्रित करना: Diofin करेला, जामुन, गुडमार, और नीम जैसी जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं। ये सभी प्राकृतिक रूप से रक्त शर्करा के स्तर को कम करती हैं और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाती हैं।

अग्न्याशय (पैंक्रियास) को मजबूत बनाना: यह दवा अग्न्याशय को सक्रिय करती है और इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा देती है। इससे शरीर में ग्लूकोज का सही उपयोग होता है और रक्त शर्करा का स्तर स्थिर रहता है।

जिगर और गुर्दे को स्वस्थ रखना: Diofin में मौजूद जड़ी-बूटियाँ जिगर और गुर्दे को डिटॉक्स करती हैं और उन्हें स्वस्थ बनाए रखती हैं। यह दवा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है और अंगों को नुकसान से बचाती है।

मोटापा और कोलेस्ट्रॉल को कम करना: यह दवा शरीर के मेटाबॉलिज्म को सुधारती है और वजन घटाने में मदद करती है। साथ ही, यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करती है, जिससे हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा कम होता है।

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करना: Diofin रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है। यह दवा डायबिटीज के मरीजों में उच्च रक्तचाप की समस्या को कम करती है।

प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना: इसमें मौजूद गिलोय और अश्वगंधा जैसी जड़ी-बूटियाँ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती हैं और संक्रमण से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती हैं।

कैंसर के खतरे को कम करना: यह दवा शरीर में कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कणों (Free Radicals) को नष्ट करती है और कैंसर के खतरे को कम करती है।

प्राकृतिक और सुरक्षित उपचार: Diofin पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं। यह दवा डायबिटीज के मरीजों को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से ठीक करती है।

निष्कर्ष: Diofin डायबिटीज के मरीजों के लिए एक संपूर्ण आयुर्वेदिक समाधान है। यह न केवल रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है, बल्कि शरीर के समग्र स्वास्थ्य को भी सुधारता है। मेटफॉर्मिन जैसी दवाओं के हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए Diofin एक बेहतर विकल्प है। यह दवा प्राकृतिक रूप से डायबिटीज को ठीक करती है और मरीजों को एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद करती है।
कैंडिड चैरी की तरह ही वह डायबिटीज के मरीज़ों के आंतरिक अंगों को दिखाते हैं। लिवर, पेट, गुर्दे, दिल और सबसे खास रक्त वाहिकाएँ...
कल्पना कीजिए चीनी में लिपटी चैरी या रस्पबेरी की। डायबिटीड में सभी वाहिकाओं के साथ ऐसा ही होता है। वाहिकाओं की दीवारें शर्करा से पूरी तरह तर-बतर हो जाती हैं और नाज़ुक हो जाती हैं। जिसकी वजह से वाहिकाओं की सिकुड़ने और फैलने की क्षमता खत्म हो जाती है। सबसे पहले बारीक वाहिकाएँ नष्ट हो जाती हैं, उसके बाद मध्यम आकार की और फिर बड़ी वाली। ये वाहिकाएँ आंतरिक अंगों का पोषण करती हैं। खून की सप्लाई में कमी आने से लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों की शुरुआत हो जाती है।
आयुर्वेदिक दवाएं डायबिटीज को कैसे ठीक करती हैं?
अगर मेटफार्मिन नहीं तो डायबिटीज का इलाज़ और किस तरह संभव है? उदाहरण के लिए, एक आम पेंशनयाफ्ता नागरिक की बात करते हैं, जिसे उम्र के साथ डायबिटीज की शिकायत होने लगती है। अब उसके खून में शर्करा का स्तर लगातार बढ़ने लगा है। मान लेते हैं कि वह मेटफॉर्मिन लेता है और उसकी तबीयत ठीक नहीं रहती। डायबिटीज का इलाज़ करने के लिए वह क्या कर सकता है? क्या वह खुद को ठीक कर पाएगा?

आपको फिर याद दिलाना चाहता हूँ कि टाइप-2 डायबिटीज एक जटिल, खतरनाक और सिस्टेमिक बीमारी है। यह कोई सर्दी या दस्त नहीं है। यह बहुत बुरी बीमारी है। बीमारी पूरे शरीर में फैल जाती है और इसलिए इलाज़ भी पूरे शरीर के स्तर पर होना चाहिए। केवल इंसुलिन के स्तर को बढ़ाना काफी नहीं है और नुकसानदेह है।
डायबिटीज के इलाज़ के बारे में एक खुला और सच्चाई भरा पत्र

आपको एक भारतीय, पेंशनयाफ्ता महिला सारिका भगवती का पत्र दिखाना चाहता हूँ। उनका इलाज़ हमारे क्लीनिक में नहीं हुआ था (वह हमारे पास नहीं आ सकती थीं क्योंकि तबीयत ठीक नहीं रहती थी)। मैंने उन्हें टेलीफोन पर Diofin की सलाह दी। अंत में वह बिलकुल ठीक हो गईं।

और यह रहा उनका पत्र।
डायबिटीज का इलाज व्यापक होना चाहिए और केवल उन दवाओं से, जो न केवल शर्करा का स्तर कम करती है बल्कि पूरे शरीर को सुरक्षा देती हैं।

अगर किसी खास उपाय की बात हो, जिससे लोग अपनी डायबिटीज का इलाज़ खुद ही कर पाएँ, तो मैं Diofin जैसे कैप्सूलों की सलाह दूँगा। सन् 2015 में इसे एंडोक्रिनोलॉजी के भारतीय संस्थान में तैयार किया गया था। मेटफॉर्मिन की तरह ये रासायनिक पदार्थों से नहीं बने हैं, बल्कि प्राकृतिक एंटीडायबिटिक कॉम्प्लेक्स है, जिसमें 60 से अधिक विभिन्न सक्रिय घटक शामिल हैं।

इन कैप्सूलों की संरचना में टाइप-2 डायबिटीज के लिए ज़रूरी सभी सबसे ज़रूरी विटामिन, मैक्रो और माइक्रो एलीमेंट्स शामिल हैं। Diofin में दुनिया के विभिन्न इलाकों से जमा किए गए 28 हर्बल अर्क हैं।
Diofin कैप्सूलों की अच्छाई यह है कि वे शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुँचाते हैं, बल्कि वह डायबिटीज के मरीज़ों के शरीर को ताकत पहुँचाते है। पर सबसे मुख्य बात है, वे बीमारी पर सब ओर से सकारात्मक असर डालते हैं।

60 सक्रिय घटक – यह बहुत ज़्यादा है। दुनिया का कोई भी दूसरा उत्पाद ऐसी समृद्ध रचना का दावा नहीं कर सकता।

Diofin का असर बहुत ही शानदार है! जैसे ही हमने अपने मरीज़ों को इसकी सलाह देना शुरू किया, स्वस्थ होने वालों का प्रतिशत... मेरा मतलब डायबिटीज़ से पूरी तरह मुक्त होने वालों की संख्या बढ़कर 96% तक पहुँच गई। इसका मतलब है 100 में 96 लोग इस बीमारी को अलविदा कह देते हैं। उनके खून में शर्करा अब नहीं है और उनकी तबीयत बहुत बढ़िया रहती है।
“दूसरे डॉक्टर Diofin जैसे चमत्कारी कैप्सूलों की सलाह क्यों नहीं देते हैं? मेरी डायबिटीज बहुत बढ़ी हुई थी। मैं 28 सालों से उससे परेशान हूँ। 49 साल की उम्र से मुझे आँखों और गुर्दों की गंभीर समस्याएँ होने लगीं। उन्होंने काम करना बंद कर दिया था। मुझे एसीटोन की गंध आती थी। मेरी बेटी मेरे आसपास नहीं रह पाती थी। इसके साथ ही पैरों में लगातार अल्सर हो जाते थे और उँगलियों के सिरे काले पड़ने लगे थे। मैं लगभग मौत की कगार पर खड़ी थी। हमारे डॉक्टरों ने मुझसे कहा कि मेरे पास अब कम समय बचा है।“

मैंने अपनी बेटी से मेरे आखिरी दिनों के बारे में सोचने को कहा। मैंने बहुत अच्छा जीवन बिताया था, पर फिर भी अभी मरना नहीं चाहती थी। आपके क्लीनिक से मुझे आखिरी आशाएँ थीं। मुझे पता था की आप डायबिटीज का इलाज़ सफलतापूर्वक करते हैं, पर फिर भी यकीन नहीं था – सभी कहते हैं कि उसका इलाज़ मुमकिन ही नहीं, कि मेरा जाना बेकार ही होगा। इसीलिए मैं गई नहीं थी। पर फिर मैंने टेलीविजन पर आपको देखा और सोचा आपको फोन करती हूँ।

आपको सलाह के लिए और Diofin भेजने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। मैंने तुरंत ही उसे लेना शुरू कर दिया। अब चार महीने हो चुके हैं, और मैं अभी तक जीवित हूँ। डॉक्टरों का कहना है कि मैं अभी और जिऊँगी, मेरे शरीर में शुगर का स्तर सामान्य हो गया है। और मुझे खुद भी ऐसा ही महसूस होता है। पिछले 10 सालों से मैंने कभी इतना स्वस्थ और डायबिटीज से मुक्त महसूस नहीं किया था, जितना कि अब कर रही हूँ। मुझे अच्छी नींद आने लगी, भयंकर प्यास अब नहीं लगती, बार-बार टॉयलट जाना बंद हो गया, लगातार बनी रहने वाली थकान और कमज़ोरी भी अब महसूस नहीं होती। अब रक्तचाप भी नहीं बढ़ता है। मुझे अब बेहतर दिखने लगा है। मेरा इलाज़ अब जारी है, पर मुझे यकीन है कि मैं इससे बच जाऊँगी। Diofin के लिए बहुत शुक्रिया।”
सारिका भगवती, 67 साल। नौकरी से रिटायर हो चुकी हैं, और डायबिटीज से पीड़ित हैं। वह चेन्नई में रहती हैं।
सच कहूँ तो इसमें समय लगता है। इसमें कई महीने लग जाते हैं। इसमें छह महीने तक लग सकते हैं।

लंबे इलाज़ के लिए तैयार रहना ज़रूरी है। पर इलाज़ के बाद आपको इन कैप्सूलों का सेवन करने की ज़रूरत नहीं रहेगी, और आप पहले की तरह, डायबिटीज के साथ, सामान्य स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

Diofin से सभी को मदद मिलती है, कमज़ोर इम्युनिटी वाले वृद्ध लोगों की भी।

Diofin का सेवन कोर्स के हिसाब से करना चाहिए। 2 हफते तक उसे लें, 4-5 दिन की छुट्टी करें, और फिर कोर्स जारी रखें। मैं आपको इसके सभी चरण बता दूँगा कि कैसे लेनी चाहिए।
बताइए कि Diofin की मदद से आप कितनी जल्दी डायबिटीज का इलाज कर सकते हैं
रक्त वाहिकाओं की बहाली

Diofin का मुख्य काम यह है कि वे केवल खून से शर्करा को ही दूर नहीं करते, बल्कि ग्लूकोज़ के स्तर को भी सामान्य करते हैं। साथ ही, जिन्को बाइलोबा की मौजूदगी के कारण, ये वाहिकाओं की दीवारों में घुस चुकी शर्करा को भी घोल देते हैं। इससे मुक्त होकर रक्त वाहिकाओं की दीवारें फिर से सिकुड़ने फैलने लगती हैं। यह थक्कों को खत्म करते हैं, वाहिकाओं को साफ करते हैं। छोटी केशिकाओं की बहाली होती है। इससे मरीज़ का रक्तचाप बढ़ना बंद हो जाता है, कमज़ोरी और उनींदापन खत्म हो जाते हैं, चोटा और घाव जल्दी भरने लगते हैं। इसके अलावा अधिक ताकत मिलती है। लोगों को तुरंत ही घर और बगीचे की देखभाल करने का मन होने लगता है।
ग्लूकोज़ के स्तर का सामान्य होना

Diofin से इंसुलिन का स्तर नहीं बढ़ता है, इसीलिए यह हानिकारक नहीं है। पर इसका असर बहुत ही लाभकारी है, ये कैप्सूल इंसुलिन प्रतिरोध को कम करते हैं। यह बहुत ही बढ़िया गुण है। इन कैप्सूलों के जैविक रूप से सक्रिय तत्व माँसपेशियों, वसा और जिगर की कोशिकाओं में घुस जाते हैं और उनका संतुलन बहाल करते हैं, जिससे वे खून में मौजूद हार्मोन के लिए बेहतर प्रतिक्रिया देते हैं। चिकित्सा में इस प्रक्रिया को “द्वितियक कोशिका गठन” कहते हैं। जिसके परिणामस्वरूप, समय के साथ कोशिकाएँ अधिक सक्रिय ग्लूकोज़ का उपयोग करना शुरू कर देती हैं, जिससे खून में उसके जमाव में कमी आती है। शरीर के लिए ग्लूकोज़ के उपयोग का यह सबसे सुरक्षित तरीका है।

मरीज़ों को पूरे दिन तबीयत बहुत बेहतर महसूस होने लगती है, यहाँ तक खाने के बाद भी। उन्हें अब प्यास परेशान नहीं करती। एक्जिमा और चकत्ते गायब हो जाते हैं। जननांगों में खुजली होना बंद हो जाती है। मरीज़ों का बार-बार टॉयलेट जाना बंद हो जाता है।

अगर भौतिक संकेतकों की बात करें तो ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, मूत्र में शर्करा और एसीटोन की उपस्थिति कम हो जाती है।
फालतू चरबी पिघल जाती है!

फालतू वज़न डायबिटीज के मरीज़ों की स्थिति को लगभग 45 गुना और बिगाड़ देता है। इसीलिए Diofin का एक काम है वज़न घटाना। यह दो कारणों से संभव हो पाता है। कोशिकाएँ सक्रिय रूप से शर्करा को पचाकर ऊर्जा में बदलना शुरू कर देती हैं। दूसरी बात इस कॉम्प्लेक्स में ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस का तेज़ अर्क होता है, जो चरबी जलाने के लिए सबसे शक्तिशाली प्राकृतिक पदार्थ है।

10 किलो वज़न कम हो जाने पर डायबिटीज के खतरनाक परिणामों का जोखिम लगभग 50% कम हो जाता है।
अन्य संभावित सुधार

डायबिटीज के अधिकतर मरीज़ों में ताकत नहीं होती है। Diofin का एक अचंभित करने वाला काम है टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार, और स्वस्थ मर्दाना ताकत की बहाली। 50-60 साल की उम्र में भी मर्द सेक्स कर पाते हैं।

त्वचा, हड्डियों और माँसपेशियों की हालत को सुधारते हैं।

बहुत खराब हो चुकी त्वचा में भी सुधार आ जाता है। अल्सर ठीक हो जाते हैं, त्वचा का सड़ना बंद हो जाता है और वह सूखने लगती है। हड्डियों के साथ भी ऐसा ही होता है, उनकी स्वस्थ संरचना बहाल हो जाती है। वे अब कमज़ोर नहीं रहतीं। सभी ऊतकों की बहाली होती है, माँसपेशियाँ में लोच बढ़ जाती है।
Diofin के काम का असर तितली के पंखों के काम की तरह है, जो आंतरिक अंगों को ठीक करने और तबीयत में सुधार के लिए श्रंखला प्रतिक्रिया को शुरू करता है। रक्त वाहिकाओं के काम में सुधार से लेकर नज़र और जोड़ों में सुधार तक।

सुबह उठने में हल्कापन

आप सुबह उठते हैं और आसानी से बिस्तर में से निकल पाते हैं। आपको ज़बर्दस्ती खुद को उठाने, हाथ-पैरों को सीधा करने और सुन्न हो गए पैरों को रगड़ने और पीठ और गर्दन को सहलाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। सुबह आपका शरीर ऊर्जा और ताकत से भरपूर होता है।

शानदार सेहत और मनोदशा

सुबह और पूरे दिन भी। शांति से और पर्याप्त नींद सो पाते हैं। आप खुद को युवा महसूस करने लगते हैं। रात को बार-बार टॉयलेट में नहीं भाना पड़ता। कहीं दर्द नहीं रहता, और कहीं खुजली नहीं होती।
डायबिटीज के किसी भी मरीज़ के लिए तितली प्रभाव!
स्वादिष्ट नाश्ता

आप भोजन की सूचि में विभिन्न तरह के भोजन शामिल करने लगते हैं, आपको कड़े परहेज़ की ज़रूरत नहीं रह जाती। आपको उन व्यंजनों का स्वाद आने लगता है जो अब आपको याद हैं। अब कम कार्बोहाइड्रेट वाले आहार की ज़रूरत नहीं। मनपसंद खानों के स्वाद का आनंद लीजिए!

ज़बर्दस्त ताकत

घर से निकलने पर आपको अपने पैरों के बारे में परेशान होने की ज़रूरत नहीं होगी – अब चलना आपको काम नहीं लगेगा, बल्कि आप पूरे दिन घूम सकते हैं, और पैर थकेंगे नहीं और न ही सूजेंगे। सूजे हुए पैंरों पर सैंडलों, जूतों, मोज़ों आदि के निशान नहीं पड़ते।
घोर शांति

आप बहुत शांत और तनावमुक्त हो जाते हैं। अब लगातार बने रहने वाला दर्द नहीं होता, जो मन को कुरेदता रहता था और आप किसी भी और चीज़ पर अपना ध्यान नहीं जमा पाते थे। जब कहीं दर्द नहीं होता है तो सभी तरह की चीज़ें, आवाज़ें, खुशबुएँ बहुत स्पष्ट हो जाती हैं जिनके बारे में आप काफी समय से भूल चुके थे।

दिखाई देने लगता है

बहुत खराब हो चुकी नज़र भी धीरे-धीरे ठीक होने लगती है। जो आपको पहले ठीक से नहीं दिखाई देता था, अब साफ दिखने लगता है। आपको बस का नंबर दूर से ही फिर दिखने लगेगा। आप प्रकृति की खूबसूरती का आनंद फिर उठा पाएँगे।

और सबसे खास बात आपका जीवन बढ़ जाएगा! और बुढ़ापे में भी आप सेहतमंद और ऊर्जावान महसूस करेंगे। आपके प्रियजनों को आपका ख़याल नहीं रखना पड़ेगा, आप खुद अपनी देखभाल कर पाएँगे।
- हाँ, यह सच है! Diofin का उत्पादन कम और सीमित मात्रा में हो पाता है, इसलिए वह जवाई की दुकानों तक नहीं पहुँच पाते हैं। इसका बड़ा हिस्सा, दुर्भाग्य से, देश के बाहर चला जाता है। और एक हिस्सा प्राइवेट क्लीनिकों द्वारा खरीद लिया जाता है।

पर आपकी पत्रिका पढ़ने वाले पाठकों के लिए मेरे पास अच्छी खबर है: अपने सहकर्मियों से सलाह करके, मैंने अपने लिए खरीदे गए Diofin कैप्सूलों को कम से कम कीमत पर आपके पाठकों के लिए देने का प्रस्ताव किया है। हम डाक द्वारा इन कैप्सूलों को सीधे लोगों को घर तक पहुँचाएंगे। भारत के किसी भी हिस्से में।
भारतीय दवाई की दुकानों में Diofin का अभाव!
जहाँ तक आप जानते हैं दवाई की दुकानों में Diofin खरीदना बहुत मुश्किल है। ये कैप्सूल बहुत कम ही उपलब्ध होते हैं। क्या यह सही है? और आप डायबिटीज के भारतीय मरीज़ों को क्या सलाह देंगे?
Diofin मँगाने की शर्तों के बारे में आपको बताता हूँ।

आपको:
1. आपको भारत में होना ज़रूरी है। हम Diofin को देश से बाहर नहीं भेजेंगे।

2. आप Diofin केवल निजी उपयोग के लिए ले सकते हैं। हमारी लोगों से विनती है कि बहुत लाभ वाले इन कैप्सूलों को दूसरे लोगों को न बेचें। मरीज़ों से पैसे कमाना – अमानवीय है! एक व्यक्ति को Diofin कैप्सूल उतनी ही मात्रा में भेजे जाएंगे जितनी एक आदमी के इलाज़ के लिए काफी हों – या फिर दो लोगों के लिए, अगर परिवार में कई लोग डायबिटीज के मरीज़ हैं।
दुर्भाग्य से हमारे पास भारत के सभी मधुमेह रोगियों के लिए पर्याप्त मात्रा में ये कैप्सूल नहीं हैं। इसीलिए हमने तय किया है कि इसे उन्ही लोगों के पास भेजेंगे जो हमारी साइट पर अपना अनुरोध दूसरों से पहले छोड़ेंगे। अगर आप इस अद्भुत कॉम्प्लेक्स की मदद से डायबिटीज का इलाज करना चाहते हैं, मेरी सलाह है कि जल्दी से जल्दी इसके अनुरोध भेज दें, जब तक यह उपलब्ध है।
इस मौके का फायदा उठाइए, जब तक दूसरे लोगों तक यह खबर फैले!!

ध्यान दीजिए!

हमारी साइट पर आने वाले दर्शक Diofin का ऑर्डर 50% तक छूट पर कर सकते हैं! इसके लिए «START» बटन को दबाकर भाग्य चक्र को घुमाइए और उसके पूरी तरह से रुकने का इंतज़ार कीजिए। कौन जानता है शायद आप ही वह भाग्यशाली हों जो आज बड़ी बचत कर पाए! शुभकामनाएँ!

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चर्चा

सीता  {today}

आपकी उदारता के लिए धन्यवाद! मैंने एक अन्य क्लीनिक में Diofin खरीदने की कोशिश की। मुझे बताया गया कि ये कैप्सूल 10 गुना अधिक कीमत में मिल रहे हैं। मैने मना कर दिया। और फिर मेरे दोस्त ने इस लेख का लिंक दिखाया। मैंने आपके यहाँ इसका ऑर्डर किया, और उन्होंने मुझे तुरंत ही पहुँचा दिए। मेरा इलाज़ शुरू हो गया है और इसके परिणाम भी दिखने लगे हैं!

यशविंदर  {today}

डॉक्टर के शब्दों की पुष्टि करता हूं! मेटफॉर्मिन खराब है, इससे पैसे बनाने के लिए खास तौर पर लोगों को जहर खिलाया जा रहा है! मैं इसे सात साल से ले रहा हूं। और कोई परिणाम नहीं थे। शर्करा लगातार बढ़ती गई और बढ़ रही है। हालत काफी खराब हो गई। फिर मुझे Diofin का पता चला। यह आसमान और पृथ्वी की तरह है। खतरनाक रसायनों के विपरीत ये प्राकृतिक कैप्सूल वास्तव में स्थिति में सुधार करते हैं। दोस्तों, मैं सभी को केवल Diofin की सलाह दूँगा।

जय  {today}

यह खून में शर्करा कम करने के लिए शानदार उपाय है। एक महीने में, शर्करा का स्तर 14 mmol/l से गिरकर 7.9 हो गई!

विक्रम  {today}

धन्यवाद, मैंने इनका ऑर्डर कर दिया है। सलाहकार ने मुझे फोन किया, मैंने पूछा कि कितने पैकेट बचे हैं। उन्होंने कहा कि 15 से अधिक हैं, लेकिन उसके लिए अधिक से अधिक ऑर्डर आ रहे है – लोगों को शायद इस अवसर के बारे में पता चल रहा है। जल्द ही वे खत्म हो जाएंगे।

शाम्भवी  {today-1}

कोई भी बीमारी कुछ लोगों के लिए तकलीफ़ होती है और कुछ के लिए, बिज़नेस। फार्मासिस्टों ने बहुत पहले ही अपना असली रंग दिखा दिया था - उन्हें हमसे जो भी चाहिए, वह है हमारा पैसा और हमारा स्वास्थ्य!

बाला  {today-1}

मुझे डायबिटीज है। और मैं ठीक हो गई हूँ। मुझे यह समस्या फिर से न हो इसलिए मैं हर साल Diofin का कोर्स कर लेती हूँ। उन लोगों को इसकी सलाह दीजिए जिन्होंने इन कैप्सूलों को नहीं आजमाया है।

मिया  {today-1}

Diofin खत्म!!!!!!!! मैं उन्हें नहीं ले पाई। सुना कि कल तो थे, पर आज खत्म हो गए। ...डायबिटीज ने मुझे परेशान कर दिया है। नहीं पता कि इसका क्या करूँ। मुझे Diofin की उम्मीद थी। और कहाँ मिल सकते हैं ये??

कैलाश  {today-2}

मैं भी नहीं खरीद पाई। अब क्या करूँ??? एक परिचित ने मुझे Diofin के बारे में बताया था। उसने इसकी बहुत तारीफ की थी. मैं भी इसे मँगाना चाह रही थी, पर हो नहीं पाया।

शीला  {today-2}

सभी को नमस्कार। मैं 59 वर्ष की हूँ, पहले मेरा वज़न 124 किलो था, और आज 80 किलो है, ऊंचाई 168 सेमी है। ग्लूकोज का स्तर 18 से 12 के बीच रहता है, पहले 29 था। अब यह 5.0 है। मैं 3 महीने से Diofin ले रही हूँ। परिणामों से खुश हूँ। मुझे किसी चूज़ से ऐसी मदद नहीं मिली थी।

राकेश  {today-2}

आप और बेचेंगे? और कब बेचेंगे। मैं भी मँगाना चाहता हूँ!!!

ऊषा  {today-2}

Diofin कैप्सूल फिर आ गए! जैसा कि साइट पर लिखा है, क्लीनिक ने और 1000 पैकेटों का प्रस्ताव दिया है भारत के मरीज़ों के लिए! डॉक्टरों के अनुसार यह आखिरी पैकेट होंगे, वे और नहीं दे सकते।

वंदना  {today-3}

शुक्रिया। मैंने ऑर्डर कर दिया है। मुझसे कहा है कि एक दिन के बाद मुझे कैप्सूल मिल जाएंगे। तुरंत ही मैं उन्हें लेना शुरू कर दूँगी।

सुमित  {today-3}

ये कैप्सूल बेहतरीन हैं। मैं एक हफ्ते से इसका सेवन कर रहा हूँ और मुझे सकारात्मक बदलाव नजर आने लगे हैं। मैं दिन में कई बार अपनी शुगर की जांच करता हूँ। काफी कम बढ़ती है। अगर यह ऐसे ही चलता है, तो मेरे ठीक होने की पूरी संभावना है।

मोहन  {today-3}

डायबिटीज एक बहुत ही कपटी बीमारी है। मुझे ही 4 साल से है, कोई बाहरी परेशानी नहीं थी, केवल मुंह सूखता था। इसीलिए, मुझे पैर कटने आदि का यकीन नहीं था। लेकिन हाल ही में मैं बेहोश हो गया। मुझे अस्पताल ले जाया गया, परीक्षण हुए। परिणाम भयानक हैं। गुर्दों की हालत कैंसर से पहले की हालत जैसी है, रक्त वाहिकाओं की हालत इतनी खराब है कि डॉक्टर भी चौंक गए।

रंजिता  {today-3}

मेरे पिता को डायबिटीज है और वे गोलियां नहीं लेना चाहते। क्या कोई बता सकता है कि Diofin से उन्हें मदद मिलेगी या नहीं?

उमा  {today-4}

बेशक इससे उन्हें मदद मिलेगी! कम से कम आजमाकर देखना चाहिए। और Diofin तो उस मेटफॉर्मिन से सस्ते भी हैं।

ऊषा  {today-4}

Diofin बहुत बेहतरीन कैप्सूल हैं। हमारी बेटी को डायबिटीज हो गई। मैं उसकी रासायनिक दवाएँ नहीं देना चाहती थी, क्योंकि वह बहुत छोटी है। मैंने कई एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से सलाह ली। हमने Diofin चुनने का फैसला किया। इसने उसकी अच्छी मदद की। शर्करा अब बढ़ना लगभग बंद हो गई है।

अवंतिका  {today-4}

शुक्रिया! मैंने खत्म होने से पहले उसका ऑर्डर कर दिया।

मनीला  {today-4}

इस लेख के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। उम्मीद है लोगों को इससे मदद मिलेगी।

प्रतीक  {today-4}

शुक्रिया। ऑर्डर भेज दिया है।

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बधाई हो!


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